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शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के 5 अगस्त 2024 को पतन के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले की घटनाओं में तेजी आई है। बांग्लादेश हिंदू ,बौद्ध, ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद ने शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 को एक खुले पत्र में दावा किया कि देश के 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदायों पर कम से कम 205 हमले हुए हैं। इन संगठनों ने यह आंकड़ा बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को सौंपा, जो हाल ही में शपथ ग्रहण कर पद पर आए हैं।
शेख हसीना के पलायन के बाद बिगड़ी स्थिति
शेख हसीना (76) ने व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और भारत की ओर पलायन कर गईं। विरोध का मुख्य कारण नौकरियों में विवादित कोटा प्रणाली थी। इस दौरान अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर हिंदू समुदाय के लोगों पर हिंसा का कहर टूटा। निर्मल रोसारियो, जो एकता परिषद के तीन अध्यक्षों में से एक हैं, उन्होने कहा- “हम सुरक्षा की मांग कर रहे हैं क्योंकि हमारा जीवन संकट में है। हम रात भर जागकर अपने घरों और मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं। मैंने अपने जीवन में ऐसा कभी नहीं देखा। हम मांग करते हैं कि सरकार देश में सांप्रदायिक सद्भाव बहाल करे।”
मोहम्मद यूनुस से की गई प्राथमिकता की मांग
स्थिति के बिगड़ते हालात पर चिंता जताते हुए निर्मल रोसारियो ने मोहम्मद यूनुस से अनुरोध किया कि वह इस संकट को शीर्ष प्राथमिकता दें और हिंसा को समाप्त करने के लिए कदम उठाएं। इस पत्र पर बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध ,ईसाई एकता परिषद के महासचिव राणा दासगुप्ता और बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद के अध्यक्ष बसुदेव धर के हस्ताक्षर हैं। पत्र में मोहम्मद यूनुस का स्वागत करते हुए कहा गया कि वह एक नए युग के नेता हैं, जो एक समान समाज की स्थापना और सुधार की दिशा में चल रहे अभूतपूर्व जन-आंदोलन के परिणामस्वरूप सामने आए हैं।
अंतरराष्ट्रीय आलोचना और भय का माहौल
पत्र में कहा गया कि चल रही सांप्रदायिक हिंसा के कारण बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों में व्यापक भय, चिंता और अनिश्चितता का माहौल बन गया है, जिसके परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी आलोचना हुई है। एकता परिषद के सदस्य काजल देवनाथ ने कहा- “जो लोग अल्पसंख्यकों पर हमले में शामिल हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। यदि किसी अल्पसंख्यक व्यक्ति पर राजनीतिक कारणों से हमला किया जाता है, तो यह अस्वीकार्य है। जो कोई भी अपराध करता है, उसे सजा मिलनी चाहिए, लेकिन घर जलाना और लूटपाट से न्याय नहीं मिलेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि कई हिंदू समुदाय के लोग अब दूसरों के घरों में शरण ले रहे हैं और वे स्वयं भी एक दोस्त के घर रहने के लिए मजबूर हैं।
मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को अपनी 16-सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की, जिसका मुख्य कार्य बांग्लादेश में स्थिरता लाना है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने भी बांग्लादेश में हिंसा के बीच किसी भी नस्लीय हमले के खिलाफ अपना समर्थन व्यक्त किया है।