असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार को घोषणा की कि उनकी सरकार मेघालय की एक निजी विश्वविद्यालय, यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में जाने की योजना बना रही है। सरमा ने आरोप लगाया कि USTM ने अपने परिसर में पहाड़ियों को समतल किया है, जिसके कारण गुवाहाटी में बड़े पैमाने पर जलभराव की स्थिति पैदा हो रही है। उन्होंने इस विश्वविद्यालय को असम के लिए खतरा बताया और दावा किया कि USTM ने मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए पहाड़ी की ढलान को इस तरह से काटा है कि पानी असम की ओर बहता है।
पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई पर भी लगे आरोप
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि पूर्व कांग्रेस मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, जो 2001 से 2016 तक असम के मुख्यमंत्री थे, उन्होने भी असम-मेघालय सीमा के जॉराबाट क्षेत्र से आने वाले पानी को गुवाहाटी में “कृत्रिम बाढ़” का कारण बताया था। सरमा ने मीडिया और असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा को चुनौती दी कि वे बारिश के दौरान जॉराबाट का दौरा करें और देखें कि वहां से पानी कैसे बहता है। सरमा ने USTM पर “बाढ़ जिहाद” का आरोप लगाते हुए कहा कि पहाड़ियों को समतल करने के कारण गुवाहाटी में जलभराव की समस्या बढ़ रही है।
USTM का बचाव और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
USTM ने मुख्यमंत्री के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके परिसर से बहने वाला पानी निचले क्षेत्रों में जलभराव का केवल एक छोटा सा हिस्सा है। विश्वविद्यालय ने दावा किया कि उनके परिसर में किए गए निर्माण कार्य मेघालय सरकार की अनुमति से किए गए हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मुख्यमंत्री के आरोपों को “बेतुका” बताया और कहा कि यह मुख्यमंत्री की विफलताओं और घोटालों को छिपाने का एक प्रयास है। गौरव गोगोई ने अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई द्वारा दिए गए बयानों का खंडन करते हुए कहा कि सरमा के आरोप निराधार हैं।
सांप्रदायिकता के आरोप और मुख्यमंत्री का पलटवार
मुख्यमंत्री सरमा ने कांग्रेस पर USTM के मालिक के मुस्लिम होने के कारण हंगामा खड़ा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर विश्वविद्यालय का मालिक हिंदू होता तो कांग्रेस इतना हंगामा नहीं करती। सरमा ने विपक्षी पार्टी से यह भी सवाल किया कि क्या वह इस मामले में इतनी ही सक्रियता दिखाती अगर विश्वविद्यालय उनकी पत्नी रिनीकी भुइयां सरमा का होता। सरमा ने यह भी आरोप लगाया कि USTM के गेट पर मक्का के चित्र हैं, लेकिन हिंदू या ईसाई धर्म से संबंधित कोई प्रतीक नहीं है। उन्होंने इसे “धार्मिक पक्षपात” बताया और कहा कि यह शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने का प्रयास है।
USTM के खिलाफ कठोर शब्दों का प्रयोग
मुख्यमंत्री ने “बाढ़ जिहाद” के अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा कि USTM जो कर रहा है, वह जिहाद से भी बड़ा है। उन्होंने कहा कि जिहाद शब्द इस स्थिति के लिए बहुत छोटा है और यह कार्य असम की शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने की दिशा में उठाया गया एक गंभीर कदम है। सरमा के इन बयानों ने राज्य में एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है, जहां कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सरकार के इस रुख की आलोचना कर रहे हैं।