दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को सुनवाई के दौरान उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लेकर तर्क पेश किया। सिंघवी ने कहा कि आज के समय में “ट्रंप” एक “खतरनाक शब्द” बन गया है। यह बयान तब आया जब सिंघवी ने आप नेता केजरीवाल (Kejriwal) के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की कार्रवाई को चुनौती देते हुए जमानत की मांग की।
संविधान के अनुच्छेद 21 और 22 पर जोर
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court में अपने तर्क के दौरान सिंघवी ने अनुच्छेद 21 और 22 का हवाला देते हुए कहा कि ये संविधान के महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं, जो जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि इन अनुच्छेदों का महत्व अधिक होना चाहिए, जबकि अभियोजन पक्ष पूरा मामला दोबारा से शुरू करना चाहता है। उन्होंने कहा- “ट्रंप एक खतरनाक शब्द हो गया है आजकल” और इसके जरिए उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के संदर्भ में राजनीतिक खतरे की ओर इशारा किया।
केजरीवाल (Kejriwal) की गिरफ्तारी को बताया ‘इनश्योरेंस गिरफ्तारी’
सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह तर्क दिया कि CBI ने दो साल तक केजरीवाल (Kejriwal) को गिरफ्तार नहीं किया था, लेकिन जब उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिल गई तो 26 जून को “इनश्योरेंस गिरफ्तारी” कर दी गई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि केजरीवाल (Kejriwal) से कोई फरार होने का खतरा नहीं है और वह एक संवैधानिक पदाधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि CBI ने केजरीवाल (Kejriwal) को उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में नामजद भी नहीं किया है।
दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं, जिनमें से एक जमानत से इनकार और दूसरी उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देती है। 5 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल (Kejriwal) की गिरफ्तारी को वैध करार दिया था और CBI की कार्रवाई में कोई दुर्भावना नहीं पाई थी। हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि केजरीवाल (Kejriwal) के गिरफ्तारी के बाद ही गवाहों को बयान देने का साहस मिला।