Sultanpur News: कुख्यात डकैत मंगेश यादव (Mangesh Yadav) के एनकाउंटर को लेकर सियासत तेज हो गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगेश के मारे जाने पर पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। अखिलेश ने आरोप लगाया कि मंगेश की जाति को देखकर उसकी जान ली गई। उनके इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मंगेश यादव (Mangesh Yadav) के जौनपुर स्थित घर पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूपी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव कर रहे हैं, जिन्होंने मंगेश के परिवार को सांत्वना दी।
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डकैती और एनकाउंटर की कहानी- Mangesh Yadav
28 अगस्त को सुल्तानपुर के ठठेरी बाजार में दिनदहाड़े एक सर्राफा व्यापारी की दुकान से करोड़ों की लूट हुई थी। इस डकैती के मामले में फरार 1 लाख के इनामी बदमाश मंगेश यादव (Mangesh Yadav) को एसटीएफ ने गुरुवार (5 अगस्त) की सुबह एक मुठभेड़ में मार गिराया। यह एनकाउंटर देहात कोतवाली के हनुमानगंज बाईपास पर हुआ। अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कहा कि मुख्य आरोपी को सरेंडर कराया गया था, जबकि अन्य लोगों को केवल दिखावटी गोली मारी गई। उनका आरोप है कि सत्ता पक्ष का डकैतों से गहरा संबंध है।
मंगेश यादव की आपराधिक कुंडली- Mangesh Yadav Criminal History
मंगेश यादव पर जौनपुर, सुल्तानपुर और प्रतापगढ़ समेत कई जिलों में चोरी, लूट और डकैती के कई संगीन मामले दर्ज थे। उस पर गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया था। मंगेश का अपने इलाके में काफी खौफ था और वह अपने साथियों का भी माल हड़पने के लिए कुख्यात था। एनकाउंटर के बाद, अखिलेश यादव ने इसे जाति आधारित कार्रवाई बताया, जिससे प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मच गया है।