लखनऊ, 13 अक्टूबर। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की ताजा रिपोर्ट (CAG Report) ने उत्तर प्रदेश को वित्तीय अनुशासन (Financial Discipline) और निवेश (Capital Expenditure) के मामले में देश का अग्रणी राज्य घोषित किया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 की इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने न केवल राजस्व बचत की स्थिति हासिल की, बल्कि पूंजीगत व्यय में भी नया इतिहास रचा।
1,03,237 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय कर यूपी ने देश के 28 राज्यों में शीर्ष स्थान हासिल किया, जो शुद्ध लोक ऋण प्राप्तियों का 210.68% है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि योगी सरकार ने लिए गए ऋण को केवल विकास और पूंजी निर्माण पर खर्च किया, जो एक आदर्श वित्तीय स्थिति है।
CAG रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजस्व प्राप्तियां राजस्व व्यय से अधिक रहीं, जिससे राज्य राजस्व बचत की स्थिति में रहा। स्वयं का राजस्व (कर और करेतर) कुल राजस्व प्राप्तियों का 45% रहा, जबकि हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र जैसे औद्योगिक राज्यों में यह 70-80% रहा। फिर भी, यूपी ने कुल व्यय का 9.39% निवेश पर खर्च किया, जो महाराष्ट्र (3.81%), गुजरात (3.64%) और बिहार (1.65%) से कहीं अधिक है। यह निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क, अस्पताल और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में हुआ, जिसने यूपी को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में वित्तीय पारदर्शिता और अनुशासन की मिसाल कायम हुई। राज्य ने प्रतिबद्ध व्यय (वेतन, पेंशन, ब्याज) पर कुल राजस्व व्यय का 42.57% खर्च किया, जो हरियाणा (55.27%) और तमिलनाडु (50.97%) से कम है। वेतन पर 12.43% और पेंशन पर 12.15% व्यय हुआ, जो हिमाचल (15%+) जैसे राज्यों से कम है। ब्याज भुगतान में 8.90% खर्च हुआ, जबकि 10 राज्यों ने 10% से अधिक खर्च किया। सब्सिडी पर मात्र 4.40% व्यय हुआ, जो पंजाब (17%) से कहीं कम है। यह दर्शाता है कि योगी सरकार ने अनावश्यक खर्चों पर अंकुश लगाते हुए विकास को प्राथमिकता दी।
रिपोर्ट में यूपी के वृहद निर्माण कार्यों पर जोर को भी सराहा गया। राज्य ने कुल व्यय का 11.89% सड़कों, पुलों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया। सहायता अनुदान (सामान्य और वेतन) पर 22.85% और पूंजी सृजन पर 2.27% व्यय हुआ, जो महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से कम है। यूपी ने एफआरबीएम एक्ट के सभी मानकों का पालन किया, जिसमें कुल देयता जीएसडीपी का 29.32% और प्रत्याभूतियां 7.56% रहीं। यह वित्तीय स्थिरता का मजबूत प्रमाण है।
2013-14 से 2022-23 तक केंद्रीय करों में सर्वाधिक हिस्सा यूपी को मिला, जो केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार की साझेदारी को दर्शाता है। योगी सरकार की यह उपलब्धि न केवल आर्थिक प्रबंधन का नमूना है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा भी। यूपी ने साबित किया कि वित्तीय अनुशासन और विकास एक साथ संभव हैं। यह उपलब्धि ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को साकार करती है, जिसने उत्तर प्रदेश को देश का ‘फाइनेंशियल रोल मॉडल स्टेट’ बना दिया।




