नेपाल के तनहुं जिले में शुक्रवार को एक भारतीय पंजीकृत यात्री बस के मर्स्यांगदी नदी में गिरने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से पीटीआई ने इस दर्दनाक घटना की जानकारी दी है। इस बस में करीब 40 यात्री सवार थे और यह पोखरा से काठमांडू की ओर जा रही थी।
हादसे का विवरण
तनहुं जिला पुलिस कार्यालय के डीएसपी दीपकुमार राय ने इस दुर्घटना की पुष्टि की और बताया कि बस नदी के किनारे पर पड़ी हुई है। उन्होंने कहा- “बस जिसका नंबर प्लेट UP FT 7623 है, नदी में गिर गई और अब यह नदी के किनारे पर पड़ी हुई है।” यह बस पोखरा से काठमांडू की ओर जा रही थी। इस हादसे ने कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है और नेपाल में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त ने कहा कि अधिकारियों द्वारा यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस हादसे में राज्य से कोई व्यक्ति शामिल है या नहीं। भारत और नेपाल के बीच घनिष्ठ संबंधों और सीमाओं की निकटता के कारण इस प्रकार की दुर्घटनाएं अक्सर दोनों देशों के लिए चिंता का विषय बन जाती हैं। भारतीय प्रशासन इस मामले पर नजर बनाए हुए है और संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर रहा है।
नेपाल में मानसून का कहर और दुर्घटनाएं
इस वर्ष मानसून के मौसम की शुरुआत के बाद से नेपाल में लगातार बारिश और बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे अब तक 62 लोगों की मौत हो चुकी है और 90 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। जुलाई में नेपाल के त्रिशुली नदी में दो बसें बह गई थीं, जिनमें 65 लोग सवार थे। यह हादसा काठमांडू की ओर जा रही एंजल बस और रौतहाट के गौर की ओर जा रही गणपति डीलक्स बस के साथ हुआ था। भारी बारिश के कारण पहाड़ों से गिरी मिट्टी ने इन बसों को सड़क से धकेल दिया और वे नदी में गिर गईं।
चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव ने बताया था कि ये बसें राजमार्ग पर यात्रा कर रही थीं, जब यह भूस्खलन हुआ और उन्हें उफनती हुई नदी में धकेल दिया। मानसून के कारण नेपाल में इस तरह की घटनाओं का जोखिम लगातार बना रहता है, और इस वर्ष के मानसून के दौरान सरकार द्वारा अनुमान लगाया गया है कि 1.8 मिलियन लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं।