पूर्व पत्रकार और लेखक दिलीप मंडल को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में मीडिया सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। उनके इस नियुक्ति से न केवल पत्रकारिता जगत में हलचल मची है बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा हो रही है। दिलीप मंडल का पत्रकारिता करियर दो दशकों से भी अधिक समय तक फैला रहा है, जिसमें उन्होंने देश के शीर्ष मीडिया संस्थानों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।
दिलीप मंडल ने अपनी पत्रकारिता के दौरान समाज के हाशिये पर रहने वाले ओबीसी, एससी और एसटी समुदायों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। इसके साथ ही वे हिंदुत्ववादी राजनीति के आलोचक के रूप में भी जाने जाते थे। हालांकि बीते लोकसभा चुनावों के दौरान उनका नजरिया कुछ बदला हुआ नजर आया, जब उन्होंने मोदी सरकार के कुछ निर्णयों की सराहना की। विशेष रूप से लेटरल एंट्री से भर्ती के विज्ञापन को वापस लेने पर उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ की थी।
पत्रकारिता के साथ-साथ दिलीप मंडल एक सफल लेखक भी हैं। उन्होंने मीडिया की कार्यशैली और उसकी चुनौतियों पर कई किताबें लिखी हैं, जिनमें मीडिया का अंडरवर्ल्ड,दलाल स्ट्रीट,चौथा खम्भा प्राइवेट लिमिटेड और अनसोशल नेटवर्क जैसी पुस्तकें शामिल हैं।
मंडल ने टीवी न्यूज चैनल्स जैसे ‘आज तक’, ‘ज़ी न्यूज’, ‘स्टार न्यूज’ और बिजनेस चैनल ‘सीएनबीसी आवाज़’ में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। इसके अलावा वे ‘इकनॉमिक टाइम्स डॉट कॉम’ में संपादक के तौर पर भी जुड़े रहे। उनकी नियुक्ति के बाद से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह अपनी पत्रकारिता और लेखन के अनुभव का उपयोग सरकारी नीतियों को आम जनता तक पहुंचाने में करेंगे।