अखिलेश यादव ने यूपीएससी में ‘लैटरल एंट्री’ के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया

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समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार 18 अगस्त 2024 को केंद्र सरकार द्वारा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के माध्यम से 24 केंद्रीय मंत्रालयों में 45 संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की मांग की। अखिलेश यादव ने इसे सरकारी मशीनरी के कॉरपोरेट कब्जे के रूप में देखते हुए इसे बर्दाश्त न करने की बात कही।

‘सरकारी मशीनरी के कॉरपोरेट कब्जे को नहीं सहेंगे’: अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट करते हुए कहा- “समय आ गया है कि देशभर में भाजपा द्वारा UPSC के जरिए अपने वैचारिक सहयोगियों को सरकारी उच्च पदों पर बैठाने की साजिश के खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाए। यह तरीका न केवल आज के अधिकारियों के लिए बल्कि भविष्य के युवाओं के लिए भी उच्च पदों तक पहुंचने के दरवाजे बंद कर देगा। आम लोगों को केवल क्लर्क और चपरासी की नौकरियों तक सीमित कर दिया जाएगा।”

‘आरक्षण और PDA के अधिकारों को छीनने की साजिश’: अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने इस प्रस्तावित नियुक्ति को पिछड़ा वर्ग, दलित और अल्पसंख्यकों (PDA) के आरक्षण और अधिकारों को छीनने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा- “असल में यह पूरा प्लान PDA से आरक्षण और अधिकार छीनने का है। अब जब बीजेपी को पता चल गया है कि पूरे देश का PDA बीजेपी की संविधान खत्म करने की साजिश के खिलाफ जाग चुका है तो वे ऐसे पदों पर सीधी भर्ती करके आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं।”

‘भाजपा सरकार को तुरंत वापस लेना चाहिए निर्णय’: अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार को इस निर्णय को तुरंत वापस लेना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय हित में नहीं है। “भाजपा सरकार अपने दल की विचारधारा के अधिकारियों को सरकार में रखकर मनमाना काम करवाना चाहती है। ऐसे लोग जो सरकार की कृपा से अधिकारी बनते हैं, वे कभी भी निष्पक्ष नहीं हो सकते। ऐसे लोगों की ईमानदारी पर हमेशा सवाल उठेगा।”

‘देश की सरकारी मशीनरी के कॉरपोरेट कब्जे के खिलाफ एकजुट हों’

अखिलेश यादव ने देशभर के अधिकारियों और युवाओं से अपील की कि यदि भाजपा सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है, तो वे 2 अक्टूबर से शुरू हो रहे इस नए आंदोलन में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हों। उन्होंने कहा- “हम सरकार की मशीनरी पर कॉरपोरेट कब्जे को बर्दाश्त नहीं करेंगे क्योंकि अमीर कॉरपोरेट्स की पूंजीवादी सोच अधिकतम लाभ कमाने की होती है। यह देश के खिलाफ एक बड़ी साजिश है।”

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