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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए रेप और मर्डर मामले में डॉक्टर के पिता ने अपनी बेटी के सहयोगियों पर गंभीर संदेह व्यक्त किया है। उनका कहना है कि घटना के समय उनकी बेटी ड्यूटी पर थी लेकिन किसी ने उसे रात 3 बजे से सुबह 10 बजे तक संपर्क करने की आवश्यकता क्यों नहीं समझी। पिता ने सीबीआई को इस मामले में कुछ व्यक्तियों के नाम भी बताए हैं, जिन पर उन्हें शक है।
सात घंटे तक क्यों नहीं हुआ कोई संपर्क?
डॉक्टर के पिता ने शुक्रवार को कहा कि उनकी बेटी उस रात कॉल पर थी और सुबह 3 बजे से 10 बजे तक कोई भी उसे संपर्क नहीं कर रहा था, जबकि वह ड्यूटी पर थी। उन्होंने कहा- “मेरी बेटी उस दिन सुबह 8:10 बजे ड्यूटी के लिए निकली थी। वह ओपीडी में काम कर रही थी और रात 11:15 बजे के आसपास अपनी मां से आखिरी बार बात की थी। सुबह जब मेरी पत्नी ने उसे कॉल किया तो फोन बज रहा था लेकिन कोई जवाब नहीं आया, क्योंकि तब तक मेरी बेटी की मौत हो चुकी थी।”
पूरे डिपार्टमेंट पर संदेह
पिता ने यह भी कहा कि उन्हें चिंता है कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ, उसमें उसके सहयोगी भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा- “यह बहुत चिंताजनक है कि मेरी बेटी उस समय कॉल पर थी, लेकिन सुबह 3 बजे से 10 बजे तक किसी को उसकी ज़रूरत नहीं पड़ी। अब जबकि मेरी बेटी नहीं रही तो बहुत सारे लोग मेरा समर्थन कर रहे हैं। वह कॉलेज में समस्याओं का सामना कर रही थी और अब पूरा डिपार्टमेंट संदेह के घेरे में है।”
सीबीआई को दी संदिग्धों की सूची
डॉक्टर के माता-पिता ने सीबीआई को कुछ व्यक्तियों के नाम दिए हैं, जिन पर उन्हें शक है कि वे उनकी बेटी की हत्या में शामिल हो सकते हैं। इस मामले की जांच अब सीबीआई द्वारा की जा रही है, जिसे कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के तहत सौंपी गई है। एजेंसी अब इन संदिग्धों से पूछताछ करने के साथ-साथ कोलकाता पुलिस के उन अधिकारियों से भी सवाल-जवाब कर रही है, जिन्होंने प्रारंभिक जांच की थी।
संदिग्धों से पूछताछ और सीन का पुनर्निर्माण
शुक्रवार को सीबीआई ने उस रात ड्यूटी पर मौजूद एक हाउस स्टाफ और दो पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनीज़ को पूछताछ के लिए बुलाया। इसके साथ ही पूर्व अस्पताल प्रधानाचार्य डॉ. संदीप घोष को भी पूछताछ के लिए लाया गया, जिन्होंने इस घटना के दो दिन बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। डॉ. घोष ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी, जिसके चलते उनके वकील ने कलकत्ता हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग की थी। हाईकोर्ट ने उन्हें एकल पीठ का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया।
सीबीआई की जांच में हो रही गहन पड़ताल
जांच के हिस्से के रूप में सीबीआई अधिकारियों ने अस्पताल के सेमिनार हॉल में अपराध स्थल का पुनर्निर्माण किया और 3डी ट्रैकिंग की। पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी का शव 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था और अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया था।