image credit-https://www.facebook.com/kolkatapoliceforce
कोलकाता पुलिस ने बुधवार रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए उपद्रव की तस्वीरें जारी की हैं। पुलिस ने इन तस्वीरों को फेसबुक पर साझा किया है, जिसमें दंगाइयों की पहचान करने के लिए जनता से मदद मांगी गई है। इस कदम का उद्देश्य उपद्रवियों को पकड़ने में तेजी लाना है, ताकि उन्हें कानून के दायरे में लाया जा सके।
अस्पताल में उपद्रव और तोड़फोड़ का दृश्य
बीती रात जब पूरे पश्चिम बंगाल और अन्य शहरों में महिलाएं डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के खिलाफ सड़कों पर उतरी हुई थीं, तभी कुछ अराजक तत्वों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में घुसकर हिंसा फैलाई। उपद्रवियों ने न केवल वाहनों में तोड़फोड़ की बल्कि अस्पताल के अंदर भी जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान अस्पताल की संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया। इन घटनाओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं, जिससे पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया है। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
अपराध स्थल से छेड़छाड़ की अफवाहों पर पुलिस का बयान
वहीं ऐसी अफवाहें भी फैली थीं कि जिस सेमिनार हॉल में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या हुई थी, वहां भी दंगाइयों ने तोड़फोड़ की। हालांकि कोलकाता पुलिस ने इन अफवाहों का खंडन किया और स्पष्ट किया कि अपराध स्थल से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
राजनीतिक विवाद: विपक्ष और सत्ताधारी दल आमने-सामने
अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के बाद राजनीतिक विवाद भी गरमा गया है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उन्होंने टीएमसी के गुंडों को विरोध प्रदर्शन को विफल करने के लिए भेजा था। अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जानबूझकर यह साजिश रची ताकि उपद्रवियों द्वारा महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट किया जा सके, जिससे सीबीआई को जांच में कठिनाई हो।
वहीं तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे “सभी स्वीकार्य सीमाओं को पार करने वाली” बताया। उन्होंने कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल से बातचीत की और उनसे हिंसा में शामिल सभी दोषियों को 24 घंटों के भीतर पकड़ने का आग्रह किया। बनर्जी ने कहा कि कानून का पालन करने वाले नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए यह कार्रवाई आवश्यक है।