कोलकाता रेप-मर्डर केस: सीबीआई ने 5 डॉक्टरों को पूछताछ के लिए तलब किया; तोड़फोड़ मामले में 9 लोग हिरासत में

Kolkata rape-murder case: CBI summons 5 doctors for questioning; 9 people detained in vandalism case

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कोलकाता में हाल ही में हुई, एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनिंग कर रही डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले में सीबीआई ने जांच को तेज़ कर दिया है। गुरुवार को सीबीआई की विशेष अपराध शाखा ने इस मामले में पांच डॉक्टरों को पूछताछ के लिए तलब किया। इसके साथ ही घटना के क्षेत्राधिकार वाले थाने ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल से भी पूछताछ की गई। मंडल को सीबीआई के विशेष अपराध शाखा कार्यालय में देखा गया, जिससे मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।

अस्पताल में हिंसा और तोड़फोड़

घटना के दौरान बड़ी संख्या में अज्ञात लोगों ने अस्पताल में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की। यह घटना उस समय हुई जब जूनियर डॉक्टर अपने आंदोलन के दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। हमलावरों ने आपातकालीन विभाग और नर्सिंग स्टेशन को निशाना बनाया और यहां तक कि दवाओं के स्टोर को भी नहीं छोड़ा। हमलावरों ने सीसीटीवी कैमरों को भी नुकसान पहुंचाया और उस मंच को तहस-नहस कर दिया जहां जूनियर डॉक्टर 9 अगस्त से प्रदर्शन कर रहे थे। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।

तोड़फोड़ की घटना पर राजनीतिक बयानबाजी

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आरजी कर अस्पताल में हुई इस तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की और कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल से 24 घंटों के भीतर सभी दोषियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया चाहे उनका राजनीतिक संबंध कुछ भी हो। इस मामले में अब तक नौ लोगों को हिरासत में लिया गया है। गोयल ने बताया कि घटना की जांच चल रही है और मीडिया के एक “दुर्भावनापूर्ण अभियान” से स्थिति और बिगड़ गई। उन्होंने कहा- “मेरे लोग भी इस हमले में घायल हुए हैं… हमने इस मामले को सुलझाने के लिए हर संभव कोशिश की है, लेकिन एक दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान जारी है।”

राज्यपाल और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ की निंदा की और कहा कि यह लोग छात्र आंदोलन से जुड़े नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि तोड़फोड़ में बाहरी लोग शामिल थे जिनमें से कुछ भाजपा और डीवाईएफआई के थे। मुख्यमंत्री ने पुलिस की भी सराहना की और कहा कि “पुलिस पर भी हमला हुआ था, लेकिन उन्होंने संयम बरता और किसी को चोट नहीं पहुंचाई।” वहीं राज्यपाल बोस ने अस्पताल का दौरा किया और डॉक्टरों से मुलाकात की। उन्होंने घटना को “नागरिक समाज के लिए शर्म की बात” बताया और कहा- “कल की तोड़फोड़ मानवता के लिए एक शर्मनाक घटना है। इस रक्तपात को अब और सहन नहीं किया जा सकता।”

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