image credit-https://x.com/MamataOfficial
शनिवार (10 अगस्त, 2024) को पश्चिम बंगाल की राजधानी में राज्य संचालित एक अस्पताल में पोस्टग्रेजुएट प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए यौन उत्पीड़न और हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इस जघन्य अपराध के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोपी को मौत की सजा दिलाने का संकल्प लिया।
आरोपी की गिरफ्तारी और पुलिस हिरासत
आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां उसे 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी अस्पताल परिसर में अक्सर आता-जाता था और बाहरी व्यक्ति था। पुलिस ने आरोपी पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया है और उसे सिआलदह अदालत में पेश किया, जहां उसे 23 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेजा गया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान और सीबीआई जांच की पेशकश
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जिन्होंने पहले भी कई मामलों में भाजपा द्वारा केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग का विरोध किया है, उन्होंने कहा कि यदि छात्र और परिवार सीबीआई जांच की मांग करते हैं तो उनकी सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा- “अगर वे पश्चिम बंगाल सरकार पर भरोसा नहीं करते तो वे किसी भी जांच एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं, हमें कोई आपत्ति नहीं है।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस मामले की सुनवाई तेज करने और इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही उन्होंने अस्पतालों में डॉक्टरों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए हर अस्पताल में पुलिस कैंप स्थापित करने की घोषणा की।
राज्य भर में विरोध प्रदर्शन और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद राज्य भर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों और छात्रों ने विरोध प्रदर्शन और जुलूस निकाले। आरजी कर मेडिकल कॉलेज, नेशनल मेडिकल कॉलेज और मेडिकल कॉलेज, कोलकाता सहित अन्य अस्पतालों में विरोध प्रदर्शन हुए। इसी तरह के प्रदर्शन जिला अस्पतालों जैसे बर्दवान मेडिकल कॉलेज और बांकुरा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज में भी देखे गए।
मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों के विरोध को जायज ठहराते हुए कहा- “मैं जूनियर डॉक्टरों की मांगों का समर्थन करती हूं,” लेकिन साथ ही उन्होंने उनसे स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखने की अपील भी की।
विपक्ष का आक्रोश और सीबीआई जांच की मांग
सीपीआई (एम) के पश्चिम बंगाल राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “सिटी ऑफ जॉय” अब “सिटी ऑफ भय” बन गई है। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सरकार को असुरक्षित बताया और इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की।
वहीं भाजपा के पश्चिम बंगाल राज्य अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि महिला डॉक्टर के शरीर पर मिले चोटों के निशान से यह स्पष्ट होता है कि इस घटना में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं।
इस घटना के बाद राष्ट्रीय चिकित्सा संगठन (एनएमओ) के पश्चिम बंगाल प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की और ड्यूटी पर तैनात विशेष रूप से महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।