सुल्तानपुर में एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहां फर्जी लेटरपैड का इस्तेमाल करके रेलवे ठेकेदार की फर्म के बैंक खाते को दूसरे बैंक में स्थानांतरित कर 42 लाख रुपये की हेराफेरी की गई। वीरेंद्र प्रताप सिंह, जो कोतवाली नगर के सिविल लाइंस के निवासी और रेलवे में ठेकेदारी करते हैं, उन्होने अपनी फर्म शिवा इंटरप्राइजेज के खाते को केनरा बैंक से आईसीआईसीआई बैंक में स्थानांतरित करने की जानकारी दी। वीरेंद्र का कहना है कि उन्होंने 30 मई को आईसीआईसीआई बैंक के सहायक प्रबंधक चांदनी सिंह को अपने खाते का संचालन रोकने के लिए लिखित पत्र दिया था।
रेलवे का भुगतान और धोखाधड़ी की शुरुआत
हालांकि छह अगस्त को रेलवे का भुगतान, जो कि 4207836 रुपये का था, केनरा बैंक के बजाय आईसीआईसीआई बैंक के खाते में आया। मोबाइल पर रेलवे के भुगतान का मैसेज आते ही वीरेंद्र को शंका हुई और उन्होंने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान उन्होंने पाया कि आठ जुलाई को उनकी फर्म के फर्जी लेटरपैड पर रेलवे को पत्र भेजा गया था, जिसमें खाता स्थानांतरण का अनुरोध किया गया था। इस पत्र में उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे और साथ ही फर्म का कैंसिल चेक भी संलग्न किया गया था। इस फर्जी पत्र के आधार पर रेलवे का पैसा आईसीआईसीआई बैंक में स्थानांतरित हो गया।
धोखाधड़ी में सुपरवाइजर और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत
वीरेंद्र ने आरोप लगाया कि उनके पूर्व सुपरवाइजर सर्वेंद्र वीर विक्रम सिंह, जिन्हें उन्होंने वित्तीय अनियमितताओं और काम में लापरवाही के कारण नौकरी से निकाल दिया था, उसने इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। सर्वेंद्र को आईसीआईसीआई बैंक खाते का आईडी और पासवर्ड मालूम था। उसी दिन आईसीआईसीआई बैंक खाते से 25 लाख रुपये भारत ट्रेडर्स के खाते में, 10 लाख रुपये जय बजरंग कांस्ट्रक्शन के खाते में, 7 लाख रुपये क्रिएटिव सोलूशन के खाते में और 7836 रुपये गौरीशंकर के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए गए।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
शहर कोतवाल अरुण द्विवेदी ने बताया कि इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक की सहायक प्रबंधक चांदनी सिंह, सुपरवाइजर सर्वेंद्र वीर विक्रम सिंह समेत चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जो भी साक्ष्य सामने आएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने बैंकिंग सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और संबंधित अधिकारियों को इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही है।