शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने NEET PG 2024 परीक्षा को स्थगित करने की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि परीक्षा का पुनर्निर्धारण नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने तर्क दिया कि दो लाख छात्रों और चार लाख अभिभावकों के भविष्य को पांच याचिकाकर्ताओं की मांग पर नहीं डाला जा सकता।
मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- “हम परीक्षा का पुनर्निर्धारण नहीं करेंगे। देशभर के दो लाख छात्रों और चार लाख अभिभावकों के भविष्य को कुछ याचिकाकर्ताओं के लिए दांव पर नहीं लगाया जा सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि हमारा देश अत्यधिक विविधता वाला है, और ऐसी स्थिति में परीक्षा के पुनर्निर्धारण का निर्णय उचित नहीं होगा।
न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने भी इस मामले में सहमति जताई। पीठ ने कहा कि परीक्षा से कुछ दिन पहले ही इसे स्थगित करना संभव नहीं है। कोर्ट ने कहा- “NEET PG परीक्षा को अब स्थगित करना? हम ऐसी महत्वपूर्ण परीक्षा को कैसे स्थगित कर सकते हैं? आजकल लोग सिर्फ परीक्षा स्थगित करने की मांग लेकर आ जाते हैं।”
याचिका का आधार
यह याचिका विशाल सोरेन द्वारा दायर की गई थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि परीक्षार्थियों को अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार परीक्षण शहरों का आवंटन 31 जुलाई को किया गया था और 8 अगस्त को नामित केंद्रों की घोषणा की जानी थी, जिससे परीक्षार्थियों के पास 11 अगस्त को होने वाली परीक्षा के लिए अपने-अपने केंद्रों तक पहुंचने के लिए बहुत कम समय बचा था।
इसके अतिरिक्त, परीक्षा दो बैचों में आयोजित की जानी है और सामान्यीकरण के सूत्र को लेकर छात्रों में भ्रम बना हुआ है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत में यह दावा किया कि छात्रों को परीक्षा के सामान्यीकरण के फार्मूले के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जिससे उनमें संशय पैदा हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया और परीक्षा को निर्धारित तिथि पर ही आयोजित करने का निर्देश दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि इतने बड़े पैमाने पर होने वाली परीक्षा को अचानक स्थगित करना लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा।