बांग्लादेश में चल रहे हिंसा के बीच बीएचयू का महत्वपूर्ण फैसला: बांग्लादेशी छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति

banaras hindu university

image credit-facebook

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने बांग्लादेश में जारी हिंसा और तख्तापलट के बीच एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय ने परिसर में रहने वाले बांग्लादेशी छात्रों को तब तक हॉस्टल में रहने की अनुमति दी है, जब तक कि बांग्लादेश में स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। यह फैसला उन छात्रों के हित में लिया गया है जिन्होंने विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है और उन्हें हॉस्टल खाली करना था।

बीएचयू के अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के समन्वयक प्रोफेसर एसवीएस राजू ने कहा कि विश्वविद्यालय ने यह निर्णय बांग्लादेशी छात्रों द्वारा अपने देश लौटने में आने वाली परेशानियों के मद्देनज़र लिया है। जो बांग्लादेशी छात्र हॉस्टल में रहना चाहते हैं, उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी। उनकी हर संभव मदद की जाएगी और इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। विश्वविद्यालय ने यह भी आश्वासन दिया है कि परिसर में रहने के दौरान आने वाली किसी भी कठिनाई को तुरंत हल किया जाएगा। छात्रों को तब तक हॉस्टल में रहने की अनुमति है, जब तक बांग्लादेश में स्थिति सामान्य नहीं हो जाती।

करीब 200 बांग्लादेशी छात्र

बीएचयू के डीन स्टूडेंट प्रोफेसर अनुपम कुमार नेमा ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि बीएचयू के विभिन्न विभागों में पढ़ाई कर रहे करीब 200 बांग्लादेशी छात्र हॉस्टल में रह रहे हैं। ये छात्र अंतर्राष्ट्रीय बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल में रह रहे हैं। स्थिति सामान्य होने पर उन्हें वापस भेज दिया जाएगा। तब तक ये छात्र हॉस्टल में रह सकते हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे। कुछ छात्र डरे हुए हैं और अपने देश जाना चाहते हैं, लेकिन वहां की स्थिति खराब है। ऐसे में हम इन छात्रों की काउंसलिंग कर रहे हैं।

बांग्लादेश में जुलाई के मध्य से हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके चलते प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर जाना पड़ा। इस कारण बांग्लादेशी छात्रों के लिए अपने देश लौटना मुश्किल हो गया है। बीएचयू का यह निर्णय छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वे सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से अपने अध्ययन को पूरा कर सकें।

विश्वविद्यालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि छात्रों की सुरक्षा और सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। प्रोफेसर नेमा ने बताया कि कई छात्र स्थिति को लेकर चिंतित हैं और चाहते हैं कि उन्हें अपने देश लौटने का मौका मिले, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह संभव नहीं है। ऐसे में छात्रों की मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए उन्हें नियमित रूप से काउंसलिंग प्रदान की जा रही है।

बीएचयू का यह निर्णय छात्रों और उनके परिवारों के लिए एक राहत की बात है। विश्वविद्यालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि छात्रों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी और उनकी सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाएगा। छात्रों को हॉस्टल में रहने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा और उनके भोजन और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की जाएगी।

यह कदम न केवल छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि उनके शिक्षा के अधिकार को भी सुरक्षित करता है। इस निर्णय से बीएचयू ने यह साबित कर दिया है कि वह न केवल शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी है, बल्कि छात्रों के कल्याण और सुरक्षा के प्रति भी प्रतिबद्ध है। बांग्लादेशी छात्रों के लिए यह समय कठिन हो सकता है, लेकिन बीएचयू का समर्थन उन्हें इस संकट से उबरने में मदद करेगा।

विश्वविद्यालय के इस फैसले ने छात्रों के बीच एक सकारात्मक संदेश भेजा है और यह सुनिश्चित किया है कि वे सुरक्षित और संरक्षित महसूस करें। बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने तक, ये छात्र बीएचयू के हॉस्टल में रह सकते हैं और अपनी शिक्षा को जारी रख सकते हैं। बीएचयू का यह निर्णय न केवल एक शिक्षण संस्थान के रूप में उसकी जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि मानवता और सहानुभूति का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *