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कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने गुरुवार को कहा कि बांग्लादेश की स्थिति भारत में भी उत्पन्न हो सकती है, भले ही सतह पर सब कुछ सामान्य दिखे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने शिक्षाविद मुजीबुर रहमान की पुस्तक ‘शिकवा-ए-हिंद’ के लॉन्च के दौरान यह टिप्पणी की। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा- “कश्मीर में सब कुछ सामान्य दिख सकता है। यहां सब कुछ सामान्य दिख सकता है। हम जीत का जश्न मना सकते हैं, हालांकि कुछ लोग मानते हैं कि 2024 की जीत या सफलता शायद केवल मामूली थी, शायद अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।”
खुर्शीद ने आगे कहा कि बांग्लादेश की स्थिति हमारे देश में भी हो सकती है। उन्होंने कहा- “बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह यहां भी हो सकता है… हमारे देश में फैलाव के कारण चीजें उस तरह से नहीं फूट सकतीं जिस तरह से वे बांग्लादेश में फूटी हैं” ।
गौरतलब है कि बांग्लादेश जुलाई के मध्य से हिंसक विरोध प्रदर्शनों की लहर से हिल गया है, जिसके कारण शेख हसीना को इस्तीफा देने और देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का एक और उदाहरण है जिसमें ‘राजनीति’ को ‘राष्ट्रनीति’ से ऊपर रखा गया है।
बीजेपी नेता ने कहा- “कांग्रेस पार्टी कहती है कि वह बांग्लादेश के मुद्दे पर भारत सरकार के साथ खड़ी है क्योंकि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है। इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। लेकिन सलमान खुर्शीद जैसे नेता लोगों को भड़काने और उकसाने की कोशिश करते हैं, यह कहते हुए कि जो कुछ भी बांग्लादेश में हुआ, वहां जो हिंसा हुई वह भारत में भी हो सकती है।”
शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणियां न केवल गैर-जिम्मेदाराना हैं बल्कि देश में अशांति फैलाने की कोशिश भी हैं। पूनावाला ने कहा- “कांग्रेस के नेता बार-बार ऐसे बयान देते हैं जो देश के हितों के खिलाफ होते हैं और केवल राजनीतिक लाभ के लिए होते हैं” ।
कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस ताजा विवाद ने राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है। एक ओर जहां कांग्रेस यह दावा कर रही है कि उनका बयान देश की वास्तविकता को दर्शाता है, वहीं बीजेपी इसे राष्ट्रविरोधी करार दे रही है।
इस बीच राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के बयान न केवल राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देते हैं बल्कि समाज में विभाजन भी पैदा करते हैं। एक वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा- “यह समय है कि सभी राजनीतिक दल जिम्मेदारी से कार्य करें और देश की सुरक्षा और अखंडता को प्राथमिकता दें” ।
सलमान खुर्शीद के बयान और उसके बाद के राजनीतिक विवाद ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत में राजनीति कितनी संवेदनशील और जटिल हो सकती है। यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा कैसे विकसित होता है और क्या राजनीतिक दल अपने हितों को देशहित से ऊपर रखने से बचते हैं या नहीं।