शेख हसीना हुई अचानक गायब : क्या BAF C-130J उनको लेकर 5 बजे आएगा दिल्ली ?

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हिंसा के बीच आधिकारिक निवास से प्रस्थान

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का अचानक गायब होना एक बड़ा रहस्य बन गया है। ढाका में उनके आलीशान निवास पर प्रदर्शनकारियों के हंगामे के बाद 76 वर्षीय नेता देश छोड़कर चली गईं। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया- “प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हिंसा भड़कने के बाद आधिकारिक निवास छोड़ दिया। उनके वर्तमान स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।”

अगरतला में देखा गया उनका हेलीकाप्टर

सत्य संवाद को जानकारी मिली है कि हसीना का चॉपर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार अवामी लीग की नेता शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना को राष्ट्रीय राजधानी ले जाया जा सकता है। बांग्लादेश सेना प्रमुख वकार-उज़-ज़मान के राष्ट्र के नाम संबोधन ने पुष्टि की कि हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़ दिया है।

सेना प्रमुख का बयान

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सेना प्रमुख वकार-उज़-ज़मान ने कहा- “हम अब बंगभवन जाएंगे। अंतरिम सरकार के गठन के बारे में विस्तृत चर्चा होगी।” उन्होंने छात्रों से “शांत रहने” की अपील की और यह भी कहा कि देशव्यापी कर्फ्यू लगाने या आपातकाल घोषित करने की आवश्यकता नहीं है। वकार-उज़-ज़मान ने बताया- “सेना पर विश्वास रखें, हम सभी हत्याओं की जांच करेंगे और जिम्मेदार लोगों को सजा देंगे। मैंने आदेश दिया है कि कोई भी सेना और पुलिस किसी भी प्रकार की गोलीबारी में शामिल नहीं होगी”।

हिंसक प्रदर्शनों में लगभग 300 लोगों की मौत

हसीना सरकार के विवादास्पद कोटा सिस्टम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों में लगभग 300 लोगों की मौत हो गई है। इस कोटा सिस्टम के तहत 1971 के बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले सैनिकों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। सरकार ने पहले इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन एक सरकारी एजेंसी ने सोमवार को लगभग 1:15 बजे ब्रॉडबैंड इंटरनेट शुरू करने का मौखिक आदेश दिया।

चौथी बार प्रधानमंत्री बनने का रिकॉर्ड

शेख हसीना जनवरी में हुए 12वें आम चुनाव में रिकॉर्ड चौथी बार और कुल मिलाकर पांचवीं बार प्रधानमंत्री चुनी गईं। मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और इसके सहयोगियों के बहिष्कार के बावजूद यह चुनाव हुआ था।

प्रदर्शनकारियों की मांग और हिंसा

प्रदर्शनकारियों ने “लॉन्ग मार्च टू ढाका” के लिए आम जनता से जुड़ने की अपील की थी। हिंसा के बीच हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने की खबर ने बांग्लादेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या नए मोड़ आते हैं और बांग्लादेश की राजनीति किस दिशा में जाती है।

शेख हसीना का रहस्यमय गायब होना और देश में जारी हिंसा ने बांग्लादेश की राजनीति को एक अनिश्चितता की स्थिति में ला दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अंतरिम सरकार कैसे बनाई जाती है और देश में शांति कैसे बहाल की जाती है।

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