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कठिन संघर्ष के बाद फाइनल में पहुंची मनु भाकर
पेरिस: मनु भाकर ने 27 जुलाई को अपने इवेंट के फाइनल के लिए 580 अंकों के साथ क्वालीफाई किया। 45 प्रतियोगियों में से तीसरे स्थान पर रहते हुए उन्होंने यह स्थान प्राप्त किया। 22 वर्षीय भाकर, पेरिस ओलंपिक 2024 में ऐसा करने वाली पहली भारतीय बनीं। यह भारत के लिए शूटिंग में पांचवा ओलंपिक पदक है। इससे पहले राजयवर्धन सिंह राठौर (एथेंस 2004 में सिल्वर), अभिनव बिंद्रा (बीजिंग 2008 में गोल्ड), गगन नारंग (लंदन 2012 में ब्रॉन्ज) और विजय कुमार (लंदन 2012 में सिल्वर) ने देश को गौरवान्वित किया था।
पिछले ओलंपिक के बाद का कठिन समय
मनु भाकर, जो हरियाणा के झज्जर से हैं, उन्होने पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने 221.7 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता, जबकि कोरिया की किम येजी ने 241.3 अंकों के साथ सिल्वर और जिन ये ओह ने 243.2 अंकों के साथ गोल्ड जीता। यह भाकर का दूसरा ओलंपिक था, पहले ओलंपिक में उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा था। टोक्यो में उनके पिस्टल के खराब होने के कारण उनका अभियान आंसुओं में समाप्त हुआ था। उन्होंने कहा- टोक्यो के बाद मैं बहुत निराश थी और इसे पार करने में मुझे बहुत समय लगा। सच कहूं तो आज मैं कितनी खुश हूं, इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती।
कठिनाईयों से उबरते हुए जीत की ओर
मनु ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा -मैंने ,जितनी भी ऊर्जा थी, उसके साथ संघर्ष किया। बहुत आभारी हूं कि मैं कांस्य जीत सकी। मैंने भगवद गीता पढ़ी और हमेशा वही किया जो मुझे करना चाहिए था, बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया। हम भाग्य से लड़ नहीं सकते। उन्होंने कहा कि यह पदक लंबे समय से भारत के लिए लंबित था और इसे जीतना एक अविश्वसनीय अनुभव है। पिछले दो दिनों में उन्होंने एक एथलीट की तरह प्रदर्शन किया जिसने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई पदक जीते हैं।