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मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक: देश का सबसे लंबा समुद्री पुल- Mumbai harbour link
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल), जिसे अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-नहवा शेवा अटल सेतु के नाम से जाना जाता है, अपने उद्घाटन के मात्र पांच महीने बाद ही विवादों में आ गया है। नवी मुंबई के उलवे की तरफ जाने वाले तारकोल सड़क के निकास पर दरारें दिखाई दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) द्वारा जनवरी में इस पुल का उद्घाटन किया गया था।
कांग्रेस ने सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
कांग्रेस पार्टी ने इस नई पुल पर आई दरारों के लिए सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने शुक्रवार को मौके का निरीक्षण किया और कहा, “मैं यहां यह दिखाने आया हूँ कि हमारी बात केवल आरोप नहीं है। सरकार दिखा रही है कि वे जनता के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन आप यहां स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि भ्रष्टाचार हो रहा है। वे अपनी जेबें भर रहे हैं, लेकिन किसने उन्हें लोगों की जान को खतरे में डालने का अधिकार दिया? जनता को इस भ्रष्ट सरकार को हटाने की योजना बनानी चाहिए।”
महाराष्ट्र सरकार का स्पष्टीकरण
महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट किया कि अटल सेतु से जुड़ने वाली एप्रोच सड़क पर मामूली दरारें पाई गई हैं और प्रभावित फुटपाथ मुख्य पुल का हिस्सा नहीं है। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने बताया, “अटल सेतु पर कोई दरारें नहीं हैं। दरारें केवल सेतु से जुड़ने वाली एप्रोच सड़क पर पाई गई हैं और यह फुटपाथ मुख्य पुल का हिस्सा नहीं है। यह भी महत्वपूर्ण है कि ये दरारें परियोजना में संरचनात्मक दोषों के कारण नहीं हैं और पुल की संरचना के लिए कोई खतरा नहीं हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी से नोट लेने की अपील
नाना पटोले ने इस बात पर जोर दिया कि पुल का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है, जिनका हर कोई सम्मान करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले पर ध्यान देने की अपील की। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की उद्घाटन के दिन की फोटो भी साझा की और कहा, “नरेंद्र मोदी ने छह महीने पहले अटल सेतु का उद्घाटन किया था। बहुत प्रचार-प्रसार हुआ, बहुत सी फोटो खींची गईं। अब खबर है कि 18 हजार करोड़ रुपये की लागत से बने अटल पुल में दरार आ गई है। यह स्पष्ट रूप से एक भ्रष्टाचार का मामला है।”
देवेंद्र फडणवीस का बयान
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि अटल सेतु पर कोई दरार नहीं है और कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, “एक बात स्पष्ट है—कांग्रेस पार्टी ने झूठ की मदद से दरार डालने की दीर्घकालिक योजना बनाई है। चुनाव के दौरान संवैधानिक संशोधनों की बातें, चुनावों के बाद फोन के जरिए ईवीएम खोलने की बातें, और अब ऐसे झूठ। केवल देश की जनता ही कांग्रेस की इस ‘दरार’ योजना और भ्रष्ट आचरण को हराएगी।”
मरम्मत कार्य शुरू
राजनीतिक विवाद के उभरने के बाद अटल सेतु पर दरारों की मरम्मत का कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया। एक वीडियो में दिखाया गया कि एक कार्यकर्ता सड़क पर तारकोल डाल रहा है, जबकि दूसरी जगह कंकड़ डाले गए थे।
यह घटना देश के सबसे लंबे समुद्री पुल के महत्व और उसकी सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, जिसे जल्द ही सही तरीके से संबोधित किया जाना चाहिए।