78वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने दिया ‘विकसित भारत 2047’ का खाका

https://satyasamvad.com/78th-independence-day-pm-modi-gave-the-blueprint-of-vikasit-bharat-2047/

image credit-twitter snaps

78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए की। उन्होंने कहा- “देश उन लोगों का ऋणी है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।” इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र करते हुए उन लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की जिन्होंने अपने परिवार और प्रियजनों को खो दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इस कठिन समय में प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है।

‘विकसित भारत 2047’ का लक्ष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा- “विकसित भारत 2047 केवल शब्द नहीं हैं, यह 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है।” प्रधानमंत्री ने बताया कि यह दृष्टिकोण भारतीय जनता की सामूहिक आकांक्षाओं से प्रेरित है और इसके तहत देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

सुधारों और विकास पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार द्वारा किए गए सुधारों पर भी विस्तार से चर्चा की, जिन्हें उन्होंने देश की मध्यवर्ग और गरीबों के जीवन को बदलने के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने यथास्थिति के मानसिकता को तोड़ने के लिए बड़े सुधार किए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने बैंकिंग सेक्टर में सुधार किए, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय बैंकों ने अब वैश्विक स्तर पर मजबूती हासिल की है। प्रधानमंत्री ने कहा- “हमारे द्वारा चुने गए सुधारों का रास्ता अब विकास का खाका बन गया है।”

महिलाओं के खिलाफ अपराध और समान नागरिक संहिता

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा- “महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के लिए दी जा रही सजा को व्यापक रूप से प्रचारित करने की आवश्यकता है ताकि इसके परिणामों का डर बना रहे।” इसके साथ ही उन्होंने समान नागरिक संहिता पर भी चर्चा करते हुए कहा- “हमें देश में नागरिक संहिता पर चर्चा करनी चाहिए। भेदभावपूर्ण कानूनों को समाप्त करना आवश्यक है और हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता को लागू करना चाहिए।”

बांग्लादेश की स्थिति और ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’

प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत हमेशा बांग्लादेश के विकास और प्रगति का समर्थन करेगा। इसके साथ ही उन्होंने देश में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा का समर्थन करते हुए राजनीतिक समुदाय से इस पहल के पीछे एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा- “बार-बार होने वाले चुनाव देश में ठहराव लाते हैं और चुनावी चक्रों से हर योजना और पहल प्रभावित होती है।”

शिक्षा और स्वास्थ्य में क्रांति

प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा क्षेत्र में भी बड़े बदलावों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत में एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है, जिससे युवाओं को पढ़ाई के लिए विदेश जाने की आवश्यकता न हो। उन्होंने घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में 75,000 नयी मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी, जिससे देश में चिकित्सा शिक्षा की क्षमता में सुधार होगा और स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन पर भारत का नेतृत्व

राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब सशस्त्र बल सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करते हैं तो हर भारतीय को गर्व महसूस होता है। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में शासन में परिवर्तन ने नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं सरकार से मांगने की जरूरत को समाप्त कर दिया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत ने 2015 के पेरिस समझौते के तहत अपने जलवायु लक्ष्यों को निर्धारित समय से पहले पूरा कर लिया है जिससे भारत जी20 देशों में अग्रणी बन गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में देश की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं और आने वाले वर्षों में देश को विकसित बनाने के लिए योजनाओं का खाका तैयार किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *