18वीं लोकसभा सत्र का उद्घाटन: सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की संभावनाएँ- 18th Lok Sabha inauguration: Possibility of confrontation between government and opposition in Parliament

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Phtoto Credit – Sansad TV

विशेष सत्र की शुरुआत- start of special session of parliament

सोमवार की सुबह 18वीं लोकसभा का उद्घाटन होगा, जब संसद का विशेष सत्र शुरू होगा। इस सत्र की शुरुआत सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर टकराव की संभावनाओं के साथ हो रही है, जिनमें सबसे प्रमुख हैं कुछ महत्वपूर्ण परीक्षाओं में हो रही अनियमितताएँ। इस सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच शक्ति संतुलन के पुनर्संयोजन की नींव रखने की संभावना है।

प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति और शपथ ग्रहण समारोह

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारतीय जनता पार्टी के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाएंगी। इस घटना से सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की संभावना है। इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित निचले सदन के सभी नव-निर्वाचित सदस्य शपथ लेंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह दो दिनों तक चलेगा।

लोकसभा स्पीकर का चुनाव और राष्ट्रपति का संबोधन

शपथ ग्रहण समारोह के बाद 26 जून को लोकसभा स्पीकर के चुनाव का आयोजन होगा। 27 जून को राष्ट्रपति मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। एक दशक में पहली बार लोकसभा में विपक्ष के नेता का भी चयन किया जाएगा। यह सत्र 3 जुलाई को समाप्त होगा और 22 जुलाई को मानसून सत्र के लिए पुनः संगठित होगा।

सरकार और विपक्ष के बीच प्रमुख मुद्दे

इस सत्र में विपक्ष राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगा, जिनमें शामिल हैं:

  • मूल्य वृद्धि और खाद्य मुद्रास्फीति: देश में बढ़ती महंगाई और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि पर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है।
  • अभूतपूर्व हीटवेव से होने वाली मौतें: हाल ही में आई तीव्र गर्मी के कारण होने वाली मौतों के मुद्दे के उठाने की संभावना है।
  • परीक्षा अनियमितताएँ: हाल ही में हुई परीक्षाओं में अनियमितताओं के मामले, जिन्होंने लाखों छात्रों को बेचैन कर दिया है और परीक्षा संचालित करने वाली संस्थाओं की कार्यकुशलता पर सवाल उठाए हैं।

शक्ति संतुलन का पुनर्संयोजन

यह सत्र सरकार और विपक्ष के बीच शक्ति संतुलन के पुनर्संयोजन की प्रक्रिया को शुरू करने वाला है। विपक्ष सरकार को घेरने के लिए इन मुद्दों का उपयोग करेगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन मुद्दों पर कैसे प्रतिक्रिया देती है। इस सत्र में संसद के दोनों सदनों में वाद-विवाद और चर्चाओं के माध्यम से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।

राष्ट्रपति का संबोधन

राष्ट्रपति मुर्मू का 27 जून को होने वाला संबोधन महत्वपूर्ण होगा क्योंकि वह सरकार की योजनाओं और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करेंगी। यह विपक्ष को सरकार की नीतियों और कार्यों पर सवाल उठाने का मौका देगा।

लोकसभा स्पीकर का चुनाव

26 जून को होने वाला लोकसभा स्पीकर का चुनाव भी महत्वपूर्ण होगा। स्पीकर का चयन संसद की कार्यवाही में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और संसद के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करेगा।

निष्कर्ष

18वीं लोकसभा का उद्घाटन विशेष सत्र सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की संभावनाओं से भरा हुआ है। यह सत्र कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और निर्णय लेने का मंच बनेगा। विपक्ष जहां सरकार को घेरने की कोशिश करेगा, वहीं सरकार इन चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी नीतियों को स्पष्ट करेगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह सत्र किस प्रकार से राजनीतिक संतुलन को प्रभावित करता है और देश की नीति-निर्माण प्रक्रिया में क्या बदलाव लाता है।

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